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Tuesday, October 7, 2014

An emotional sendoff for the Asian Games

ज़िंदगी का बहुत बड़ा सच है,
की लड़कियाँ किसी को नही पसंद है.
जब पैदा होती है तभी से उनकी रक्षा की सोच बनती है,
उनकी सारी काबिलियत इसी सोच से छनती है.

पर आपने इस सोच को बदल दिया,
अपनी काबिलियत से कुछ नया किया.
इतनी ट्रोफी और मेडल देख कर,
सबके मूह बँध हो गये.
आपको आगे बदते देख बाहरवाले क्या, घरवाले भी दंग हो गये,

जब शादी करके आई थी तो
पता नही था आप इतनी बड़ी हस्ती हो,
पर धीरे धीरे पता चल की
पढ़ाई, खेल और घूमने में कितना .फस्ति हो.

आपने खेलों के लिए सब कुछ नियोछावार कर दिया,
अपना बचपन, लड़कपन, सब अपने को प्रूव करने में लगा दिया.
और यही जीवन की सच्चाई है,
की आपने बहुत नाम, इज़्ज़त कमाई है,

माना कई लड़कियों ने अपना बचपन जिया,
पर उन्होने ज़िंदगी में कुछ नही किया.

मैं भी उनमे से ही एक हू पर,
चाहती हू मेरी बेटियाँ आपकी तरह कुछ बने,
औरों के लिए नही पर ,
अपने लिए,अपनी ज़िंदगी के लिए कुछ अलग नये सपने चुने,

आप एक रोल मॉडेल हो सबके लिए,
जो बताते है की ज़िंदगी कैसे जिए,

सोच बदलो, विश्‍वास रखो,
हम भी कम नही,
यह अहसास रखो.

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